MP Board Class 7 Social Science Chapter 10 Bayudab aur Paban Solution
Madhya Pradesh (MP) State Board Class 7 Social Science Chapter 10 Bayudab aur Paban (वायुदाब और पवन) full exercise question answers. Every questions answer is prepared by expert Social Science teacher.
Chapter 10 Bayudab aur Pabanवायुदाब और पवन
अभ्यास प्रश्न
1.) निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए-
(1) वायुदाब को मापने वाली इकाई कहलाती है-
(अ) मिलीमीटर
(ब) मिलीबार
(स) मिलीग्राम
(द) सेन्टीमीटर
उत्तर – (ब) मिलीबार
(2) उत्तरी भारत में गर्मियों में चलने वाली गर्म पवन कहलाती है-
(अ) जल समीर
(ब) लू
(स) थल समीर
(द) व्यापारिक पवने
उत्तर – (ब) लू
(3) यह स्थानीय पवन का एक उदाहरण है-
(अ) थल समीर
(ब) पछुवा हवा
(स) ध्रुवीय पवन
(द) मानसून
उत्तर – (अ) थल समीर
2.) रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(1) वायुदाब को …………… यंत्र द्वारा ज्ञात किया जाता है।
वायुदाब को वायुदाब मापी यंत्र द्वारा ज्ञात किया जाता है।
(2) सागरीय सतह पर वायु का दाब …………… होता है।
सागरीय सतह पर वायु का दाब अधिक होता है।
(3) जल समीर …………… से …………… की ओर चलती है।
जल समीर जल से स्थल की ओर चलती है।
(4) किसी स्थान विशेष पर चलने वाली पवनों को …………… पवनें कहा जाता है।
किसी स्थान विशेष पर चलने वाली पवनों को स्थानीय पवने कहा जाता है।
3.) लघु उत्तरीय प्रश्न-
(1) वायुदाब मापी यंत्र का क्या उपयोग है?
जिस यंत्र से वायुड आपका हमें ज्ञान होता है उसे वायुदाब मापी यंत्र कहते हैं।
(2) वायुदाब को प्रभावित करने वाले दो कारकों के नाम लिखिए।
भाई आपको प्रभावित करने वाले दो कारक समुद्र सतह से ऊंचाई और तापमान है।
(3) स्थायी पवनों के प्रकार लिखिए।
स्थाई पवनोंं के प्रकार –
1.) व्यापारी पवने
2.) पछुआ पवने
3.) ध्रुवीय पवने
(4) मानसून पवनों से क्या आशय है?
मानसून अरबी भाषा के मौसिम शब्द से बना है। इसका तात्पर्य मौसम से होता है। किसी विशेष मौसम में चलने वाली हवाओं को मानसूनी पवने कहा जाता है।
(5) फैरल का नियम क्या है?
महान वैज्ञानिक फैरल ने यह नियम प्रतिपादित किया कि पृथ्वी की घूर्णन गति के कारण हवाई और सागरीय जल धाराएं उत्तरी गोलार्ध में अपनी दाहिनी और तथा दक्षिणी गोलार्ध में अपनी बाई और मुड़ जाती है।
4.) दीर्घ उत्तरीय प्रश्न-
(1) पवन किसे कहते हैं? वायु और पवन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
पृथ्वी के चारों ओर वायु है। यह वायु जब धरातल पर क्षैतीजीय दिशा में चलती है तो वह पवन कहलाती है।
जब वायु स्थिर हो या धरातल से आकाश की ओरिया आकाश से धरातल की ओर लंबवत चलती हो तो वह वायु कहलाती है।
(2) वायुदाब किसे कहते हैं? वायुदाब की पेटियों का नामांकित चित्र बनाइये।
वायु मतलब विविध गैसों का मिश्रण। वायु का अपना एक भार होता है। धरातल पर या सागर तल पर वायु का यह भार वायुदाब कहलाता है। अगर हम दूसरे शब्दों में कहना चाहे तो पृथ्वी की सतह पर वायुमंडल अपने भार के कारण जो दबाव डालता है उसे हम वायुदाब कहते हैं।
(3) वायुदाब की पेटियों का सचित्र वर्णन कीजिए।
पृथ्वी पर वायुदाब का वितरण सामान नहीं है। पृथ्वी पर वायु दाब सामान्यतः दो प्रकार से व्यक्त होता है एक उच्च वायुदाब और निम्न वायुदाब। गर्म वायु में दाब काम और ठंडी वायु में दाब अधिक रहता है धरातल पर वायुदाब की चार पेटियां निम्न अनुसार है।
1.) भूमध्य रेखा निम्न वायुदाब की पेटी – 0⁰ से 10⁰ अक्षांश तक उत्तरी व दक्षिणी गोलार्ध में।
2.) उपोषण उच्च वायुदाब पेटियां – 30⁰ से 35⁰ सेल्सियस अक्षांशों के मध्य दोनों गोलार्ध में।
3.) उपाध्रुवीय निम्न वायुदाब पेटियां – 60⁰ से 65⁰ अक्षांशों के मध्य दोनों गोलार्ध में।
4.) ध्रुवीय उच्च वायुदाब पेटियां – 85⁰ से 90⁰ अक्षांशों के मध्य दोनों गोलार्ध में।
(4) चक्रवात और प्रतिचक्रवात क्या है? सचित्र समझाइए।
चक्रवात -जब कोई क्षेत्र कम वायुदाब का केंद्र बन जाता है तो उसके चारों ओर अधिक दबाव वाले क्षेत्र से हवाएं केंद्र की ओर चलने लगती है जिसे चक्रवात कहते हैं।
प्रतिचक्रवात –
चक्रवात के विपरीत इसमें केंद्र में अधिक वायुदाब हो जाता है तथा चारों ओर के बहार की क्षेत्र में काम वायुदाब होने से हवाएं केंद्र से बाहर की ओर चलती है जिसे प्रति चक्रवात कहा जाता है।
(5) जल समीर एवं थल समीर का वर्णन कीजिए।
1.) जल समीर –
दिन के समय स्थल भाग जल की अपेक्षा शीघ्र गर्म हो जाता है जिससे वहां पर निम्न वायुदाब और सक्रिय भाग पर उच्च वायुदाब निर्मित हो जाता है। अतः जल से स्थल की ओर पवन चलने लगती है जिन्हें जल समीर कहा जाता है।
2.) थल समीर –
थल की अपेक्षा जल्दी देर से गर्म और देर से ठंडा होता है। अतः रात्रि में स्थल भाग ठंडा और जल भाकर्म रहता है। थल भाग उत्तर वायुदाब तथा सागरीय भाग पर निम्न वायुदाब के कारण पवन थल भाग से जल भाग की ओर चलती है जिन्हे थल समीर कहते हैं।
अतिरिक्त प्रश्न –
प्र.) 1 रिक्त स्थानों की पूर्ति करें।
1.) ………. हवाएँ और ………… हवाएँ, पवन के उदाहरण है।
पछुआ हवाएँ और मानसून हवाएँ, पवन के उदाहरण है।
2.) वायुदाब को नापने की इकाई ………… कहलाती है।
वायुदाब को नापने की इकाई मिली बार कहलाती है।
3.) हवा जब क्षैतिजिय चलती है तो उसे ………. … कहा जाता है.)
हवा जब क्षैतिजिय चलती है तो उसे पवन कहा जाता है.)
4.) हवाओं के चलने की दिशाएं …………… के नियम अनुसार निर्धारित होती है।
हवाओं के चलने की दिशाएं फैरल के नियम अनुसार निर्धारित होती है।
5.) स्थाई हवाएं ………… की पेटियों से संबंधित है।
स्थाई हवाएं वायुभार की पेटियों से संबंधित है।
6.) मानसून यह शब्द अरबी भाषा के ………… शब्द से बना है।
मानसून यह शब्द अरबी भाषा के मौसिम शब्द से बना है।
प्र.) 2 एक एक वाक्य में उत्तर लिखो।
1.) धरातल पर या सागर ताल पर वायु का भार क्या कहलाता है?
धरातल पर या सागर तल पर वायु का भार वायुदाब कहलाता है।
2.) समुद्र सतह पर वायुमंडलीय दाब कितना होता है?
समुद्र सतह पर वायुमंडलीय दाब 1013 मिली बार के बराबर होता है।
3.) पर्वतरोही ऑक्सीजन गैस सिलेंडर का प्रयोग कब और किस हेतु से करते हैं?
पर्वतरोही ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों में हवा की कमी के कारण पर्वतारोही ऑक्सीजन गैस सिलेंडर का प्रयोग सांस लेने हेतु करते हैं।
4.) वायु का भार कब और किस कारण कम होने लगता है?
तापमान के बढ़ने पर हवा फैलने के कारण हवा हल्की होकर ऊपर उठती है जिससे वायु का भर काम हो जाता है।
5.) पवनों को कितने प्रकारों में विभाजित किया गया है?
पवन उनको चार प्रकारों में विभाजित किया गया है।
6.) सामाजिक पवन किसे कहते हैं?
जो पवने वर्ष के किसी निश्चित समय अथवा ऋतु में चलती है और जिनकी दिशाएं निश्चित होती है उन्हें सामाजिक पवने कहा जाता है।
प्र.) 3 बोतल पर बहने वाले पवन और उनके प्रकार लिखें।
स्थाई पवने –
व्यापारिक पवने, कछुआ पवने, ध्रुवीय पवने
सामायिक पवने –
मानसूनी पवने
स्थानीय पवने –
जल समीर, थल समीर
अन्य पवने –
चक्रवात, प्रतिचक्रवात
प्र.) 4 व्याख्या लिखो।
1.) पवन –
हवा जब क्षैतिजीय चलती है तो उसे पवन कहा जाता है। हवाई अधिक दाब से कम दाब वाले क्षेत्र की ओर चलती है पवन की गति को पवन वेगमापी यंत्र से जाना जाता है।
2.) स्थानीय पवने –
किसी स्थान विशेष पर चलने वाली पवनों को स्थानीय पवन कहते हैं। जल समीर थल समीर और लू स्थानीय पवन है। लू उत्तर भारत में गर्मियों में दोपहर में चलती है। यह गर्म तथा शुष्क होती है।
3.) चक्रवात –
जब कोई क्षेत्र कम वायुदाब का केंद्र बन जाता है तो उसके चारों ओर अधिक दबाव वाले क्षेत्र से हवा एक केंद्र की ओर चलने लगती है जिसे चक्रवात कहते हैं।
4.) प्रतिचक्रवात –
चक्रवात के विपरीत इसमें केंद्र में अधिक वायुदाब हो जाता है तथा चारों ओर के बहार की क्षेत्र में कम वायुदाब होने से हवाएं केंद्र से बाहर की ओर चलती है जिसे प्रति चक्रवात कहा जाता है।
5.) स्थाई पवने –
जिस दिशा में हवाएं प्राय वर्ष भर चला करती है उन्हें स्थाई अथवा प्रचलित पवने कहा जाता है।
प्र.) 5 दी गई विधान ने सही है या गलत लिखो।
1.) स्थानीय पवन ने गर्म तथा शुष्क होती है।
गलत
2.) थल की अपेक्षा जल देर से गर्म और देर से ठंडा होता है।
सही
3.) अन्य पवनों की गति और दिशा निश्चित होती है।
गलत
4.) ध्रुवीय पवने ध्रुव से चलती है अतः यह ठंडी और शुष्क होती है।
सही
5.) पृथ्वी पर वायुदाब का वितरण समान है।
गलत
6.) वायु विभिन्न गैसों का मिश्रण है।
सही
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