MP Board Class 10 Hindi Navneet Chapter थके हुए कलाकार से Solution
Madhya Pradesh State Board Class 10 Hindi Navneet Chapter थके हुए कलाकार से full exercise question answers. Every questions answer is prepared by expert Hindi Navneet teacher.
थके हुए कलाकार से
बोध प्रश्न
1.) अधबनी धरा पर अभी क्या-क्या बनना शेष है ?
आधबनी धरा अभी भी अपूर्ण है। अभी भी इस धरती का संपूर्ण विकास नहीं हुआ है। सृष्टि का सृजन अभी भी अधूरा है। इस धरा पर चांदनी अभी पूरी तरह से फैली नहीं है। पुष्प की काली आधा मिली है। इस धरती की नीव पता नहीं है इस वजह से यह धरा में अपूर्णता है। इसकी प्रगति अभी भी नहीं हुई है।
2.) स्वर्ग की नींव का पता किस प्रकार लग सकता है ?
स्वर्ग की नींव का पता तभी मिल सकता है जब इस सृष्टि का सृजन पूर्ण होगा। अभी भी इस सृष्टि का सृजन अपूर्ण है। लेखक कहते हैं के थके हुए कलाकार तुम्हें चलते रहना चाहिए तभी यह धरती पर स्वर्ग की नींव का पता चल सकता है। अभी स्वर्ग की नीव का पता नहीं चल पाया है। क्योंकि अभी भी यह धरा अपूर्ण है।
3.) कवि के अनुसार प्रलय से कलाकार को निराश क्यों नहीं होना चाहिए ?
कवि कलाकार से कहते हैं कि तुम्हें चलते रहना चाहिए। तुम्हें अपनी कृति को पूर्ण करना चाहिए। इसमें बहुत से संकट आएंगे तुम्हें जीवन के झंझा उनसे जूझना चाहिए। जब तुम बिना रुके अपना कार्य पूर्ण करोगे तभी सभी प्राणियों में जीवन का संचार बना रहेगा।
4.) ‘थके हुए कलाकार से’ कविता का केन्द्रीय भाव स्पष्ट कीजिए।
कभी कहता है कि भगवान तुम थकना मत क्योंकि धरती अभी भी अधूरी है। अभी भी यह जीवन सुगंध से भरा हुआ नहीं है। अभी काली का खेलने बाकी है। इस धरती पर स्वर्ग की नीव अभी मिली नहीं है इसे खोजने है। है देवता तुम्हें चलता रहना होगा क्योंकि इसी का अर्थ जीवन है। तुम्हें इस रास्ते में आने वाले बाधाओं को पार करना होगा और हमेशा आगे बढ़ते रहना होगा। तुम्हें अपनी थकान बुलाकर आगे बढ़ते रहना होगा। तुम्हें निराश नहीं होना है। अगर तुम ही निराश हो गए तो सृजन की योजना अधूरी रह जाएगी। इसीलिए तुम्हें अपनी थकान को भूलना होगा। अंधकार में भी रास्ता ढूंढना होगा हर बाधाओं से आगे निकलना होगा।
5.) कवि ने अधूरे सृजन से निराश न होने की बात कहकर क्या संकेत देना चाहा है ?
कवि ने अधूरे सर्जन से निराश न होने की बात कह कर उसे कहा है कि तुम्हें अपनी कला को कभी भी अपूर्ण नहीं छोड़ना चाहिए। वह कहता है कि तुम निराश मत हो जाना तुम्हें आगे बढ़ते रहना है क्या पता कहीं पर आशा की किरण मिल जाए। तुम्हारे इस वजह से तुम्हें हमेशा ही आगे बढ़ते रहना होगा। कभी आगे कहता है कि कलाकार ऐसा होता है जो कभी-कभी निर्जीव वस्तु में भी जीवन डाल देता है उसमें प्राणों का संचार कर देता है। इसी वजह से कभी भी उसे धैर्य नहीं खोना चाहिए। तुम्हें संकटो को पार करना होगा और आगे बढ़ना होगा।।
Also See: मन की एकाग्रता