Karnataka 2nd PUC Hindi Poem Chapter 4 एक वृक्ष की हत्या Questions and Answers Solution, Notes by Expert Teacher. Karnataka Class 12 Hindi Solution Chapter 4.
There are 3 Parts in Karnataka Class 12 Textbook. Here You will find Poem Chapter 4 Ek Vriksh Ki Hatya.
Karnataka 2nd PUC Hindi Poem Chapter 4 – एक वृक्ष की हत्या Solution
- State – Karnataka.
- Class – 2nd PUC / Class 12
- Subject – Hindi.
- Topic – Solution / Notes.
- Chapter – 4
- Chapter Name – एक वृक्ष की हत्या.
I) एक शब्द या वाक्यांश या वाक्य में उत्तर लिखिए:
1.) कवि ने बूढ़ा चौकीदार किसे कहा है?
कवि ने बूढ़ा चौकीदार एक वृक्ष को कहा है।
2.) वृक्ष का शरीर किससे बना है ?
पुराने चमड़े से वृक्ष का शरीर बना है।
3.) सूखी डाल कैसी है?
सुखी डाल रायफल जैसी है।
4.) वृक्ष की पगड़ी कैसी है?
वृक्ष की पगड़ी पत्तीदार और फूल सी है।
5.) देश को किससे बचाना है ?
दुश्मनों से देश को बचाना है।
6.) हवा को क्या हो जाने से बचाना है ?
धुवा ही जानें से हवा को बचाना है।
7.) जंगल को क्या हो जाने से बचाना है ?
मरुथल मतलब रेगिस्तान हो जाने से जंगल को बचाना है।
I निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए:
1.) वृक्ष न दिखने पर कवि उसकी यादों में कैसे खो गये ?
कवि कुंवर नारायण घर के सामने जो वृक्ष था वह नहीं दिखाई देता। तो वह बहुत दुखी हो जाते हैं। उन्हें लगता है कि वह अपने घर के सामने एक चौकीदार की तरह खड़ा था। उसका शरीर झुर्रीदार हो गया था। बहुत सारे धूल उसके शरीर पर जम गई थी। इस वजह से वह मैला दिख रहा था। वृक्ष के ऊपर जो पेट और फूल दिख रहे थे वहां पगली जैसे दिख रहे थे।
2.) वृक्ष की महत्ता पर प्रकाश डालिए ।
वृक्ष हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है। वृक्ष हमे बहुत कुछ देते है। कवि कुंवर नारायण कहते है की घर के सामने जो वृक्ष एक चौकीदार की तरह गर्मी बारिश और ठंडी के मौसम में खड़ा रहता था। बहुत सारे वृक्ष आयुर्वेदिक भी होते हैं इसे हमारे कई बीमारियां ठीक हो जाती है। वृक्ष हमे ठंडी हवा देते हैं। इसीलिए हमें हमारे आसपास सुरक्षा लगानी चाहिए ना की उनको काटकर उनकी संख्या कम करनी चाहिए।
3.) पर्यावरण के संरक्षण के संबंध में कवि कुँवर नारायण के विचार लिखिए |
कवि कुंवर नारायण जी के घर के सामने एक चौकीदार जैसा पेड़ खड़ा था। बहुत वर्षों से वह पेड़ वही था। लेकिन उस पेड़ के कट जाने से कवि कुंवर नारायण भावुक हो गए हैं। वे कहते हैं कि सवाल एक पेड़ का नहीं है ऐसे कई सारे पेड़ है जो रोज काट दिए जाते हैं। अगर ऐसा ही चला रहा तो एक दिन हमारी यह भूमि रेगिस्तान बन जाएगी। हम इस दुनिया में जी नहीं पाएंगे। पानी नष्ट हो जाएगा, बारिश नहीं होगी, हवा धुवां हो जाएगी, इस दुनिया में सांस लेना भी मुश्किल हो जायेगा।
III) ससंदर्भ भाव स्पष्ट कीजिए अबकी घर लौटा तो देखा वह नहीं था-
1.) वही बूढ़ा चौकीदार वृक्ष
जो हमेशा मिलता था घर के दरवाजे पर
तैनात दरअसल शुरू से ही था हमारे अंदेशों में
प्रसंग. यह पदयांश साहित्य गौरव इस पुस्तक के एक वृक्ष की हत्या इस कविता से लिया गया है। आई कविता की रचना कवि कुंवर नारायण इन्होंने की हैं।
संदर्भ. कवि के घर के सामने एक वृक्ष खड़ा था। कवि को ऐसा लगता था कि वह अपने घर का चौकीदार है।
स्पष्टीकरण. कवि कई दिन घर के बाहर था जब वह घर लौटा तो उसने देखा कि उसके घर के सामने जो वृक्ष खड़ा हुआ था वह अब नहीं था। वह कट चुका था। कवि को उसे पेड़ की यादें सताने लगी थी। क्योंकि कवि बचपन से ही उसे वृक्ष को अपने घर के सामने देख कर बड़ा हुआ था। कवि उस वृक्ष को घर का चौकीदार कहता था।
2.) कहीं एक जानी दुश्मन
कि घर को बचाना है लुटेरों से शहर को बचाना है नादिरों से
देश को बचाना है, देश के दुश्मनों से।
प्रसंग. यह पदयांश साहित्य गौरव इस पुस्तक के एक वृक्ष की हत्या इस कविता से लिया गया है। आई कविता की रचना कवि कुंवर नारायण इन्होंने की हैं।
संदर्भ. इस कविता में कई को वृक्षों से कितना लगाव है यह देखने मिलता है।
स्पष्टीकरण. कवि अपने घर के सामने वाले वृक्षों को न पाकर दुखी हो जाते हैं। कवि कहते हैं कि वृक्ष हमारे लिए बहुत जरूरी है। उन्हें काटना नहीं चाहिए। जो वृक्षों को काटते हैं ऐसे दुश्मनों से हमें अपने शहर को, अपने गांव को, देश को बचाना है। हमे वृक्षों से दोस्ती करनी चाहिए।
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