Karnataka 2nd PUC Hindi Poem Chapter 3 Kayar Mat Ban Questions and Answers Solution, Notes by Expert Teacher. Karnataka Class 12 Hindi Solution Chapter 3.
There are 3 Parts in Karnataka Class 12 Textbook. Here You will find Poem Chapter 3 Kayar Mat Ban.
Karnataka 2nd PUC Hindi Poem Chapter 3 – कायर मत बन Solution
- State – Karnataka.
- Class – 2nd PUC / Class 12
- Subject – Hindi.
- Topic – Solution / Notes.
- Chapter – 3
- Chapter Name – कायर मत बन.
I.) एक शब्द या वाक्यांश या वाक्य में उत्तर लिखिए:
1.) कवि नरेन्द्र शर्मा क्या न बनने का संदेश देते हैं ?
कवि नरेंद्र शर्मा कहते हैं कि कुछ भी बन लेकिन कायर मत बन।
2.) कौन राह रोकता है ?
पाहन मतलब पत्थर रास्ता रोकता है।
3.) कवि नरेन्द्र शर्मा के अनुसार मनुष्य को किसने सींचा है ?
कवि नरेंद्र शर्मा के अनुसार मानवता ने मनुष्य को सींचा है।
4.) कवि नरेन्द्र शर्मा मनुष्य को किसके बल पर जीतने को कहते हैं ?
कवि नरेंद्र शर्मा कहते हैं कि मनुष्य को एक तो अपने प्रीति के बल पर जितना चाहिए या फिर दुश्मन हमारे पैरों को चूमना चाहिए ऐसी जीत प्राप्त करनी चाहिए।
5.) कवि नरेन्द्र शर्मा के अनुसार प्रतिहिंसा क्या है ?
कभी नरेंद्र शर्मा के अनुसार दुर्बलता ही प्रतिहिंसा है।
6.) कवि नरेन्द्र शर्मा ने किसे अधिक अपावन कहा है ?
कवि नरेंद्र शर्मा ने कायरता को अपावन कहा है।
7.) कवि नरेन्द्र शर्मा किसके सामने आत्मसमर्पण न करने के लिए कहते हैं ?
कवि नरेंद्र शर्मा कहते हैं कि दोस्तों के सामने कभी भी आत्मसमर्पण ना करो।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए:
1.) ‘कायर मत बन कविता के द्वारा कवि हमें क्या संदेश देते हैं ?
कभी कहते हैं कि कभी हार मत मान। हमेशा प्रयत्न करते रहो। कायर बन के मत रहो। हमें जीत हासिल करने के लिए बहुत सारे मुश्किलों का सामना करने पड़ेंगे। उसके लिए मेहनत करो। हार मानकर मत बैठो। लड़ना सीखो, परिस्थिति के सामने झुकना नहीं। परिस्थिति के साथ लड़ना है। हमारी जीत के हासिल में जो भी कठिन समस्याएं आती है उनका सामना करना है उनसे लड़ना है और आगे बढ़ाना है। हम सब के अंडा मानवता है। इस मानवता के लिए कितने लोगों ने अपनी कुर्बानियां दी है। इसी मानवता के लिए हमें भी लड़ना है।
2.) कवि नरेन्द्र शर्मा ने प्रतिहिंसा और कायरता के संबंध में क्या कहा है ?
कवि कहते है कि जिंदगी में कुछ भी बन लेकिन कायर मत बनना। जिंदगी में साहस दिखाओ। रोते हुए मत बैठो। परिस्थितियों का सामना करना सीखो। प्रतिहिन्स कायरता का हो रूप है लेकिन अगर हम कायर बनते है तो यह बहुत कष्टदायक हैं। बुरे लोगों के सामने कभी भी झुकना नहीं है। हमे साहस के साथ अपनी जिंदगी जीनी है।
3.) मानवता के प्रति कवि नरेन्द्र शर्मा के विचार प्रकट कीजिए।
कवि नरेंद्र शर्मा अपने जीवन में मानवता को बहुत महत्व देते हैं वह दूसरों को भी यह कहते हैं कि कर मत बोलो लेकिन अपनी जिंदगी में मानवता को सबसे ज्यादा महत्व दो बुरे लोगों के सामने झुकना नहीं है ऐसा भी कभी कहते हैं। कई लोगों ने अपने खून पसीना बहा कर मानवता हमारी जिंदगी में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है यह बताया है। अगर कोई हमारे साथ युद्ध करना चाहता है तो हमें उसके साथ प्यार से बातें करके उसका दिल जीतना चाहिए या तो उसका मुंह तोड़ देना चाहिए। हमें अपनी जिंदगी में हमेशा रखना चाहिए और हमारी जिंदगी साहस के साथ जीनी चाहिए।
III) ससंदर्भ भाव स्पष्ट कीजिए:
1.) ले-देकर जीना क्या जीना ?
कब तक गम के आँसू पीना ?
मानवता ने सींचा तुझको
बहा युगों तक खून-पसीना ।
प्रसंग . यह पद्यांश साहित्य गौरव इस पाठ्य पुस्तक के कायर मत बन इस कविता से लिया गया है। इस कविता की रचनाकार कवि नरेंद्र शर्मा है।
संदर्भ. इन पंक्तियों से कभी हमें कहना चाहते हैं कि हमें कर नहीं बना है लेकिन इसके साथ-साथ मानवता धर्म का भी पालन करना है।
स्पष्टीकरण. कवि ने इन पंक्तियों में मानव को महत्व दिया है। कभी कहते हैं कि हमें बुरे लोगों के सामने कभी भी सर झुकाना नहीं चाहिए। हमें सर झुका कर कभी भी अपना जीवन नहीं बिताना चाहिए। कब तक तुम ऐसे ही कायरता के साथ जिओगे। तुम्हें भी अपनी जिंदगी साहस के साथ, सुख के साथ जीने का अधिकार है।
2.) युद्धं देहि कहे जब पामर
दे न दुहाई पीठ फेर कर
या तो जीत प्रीति के बल पर
या तेरा पद चूमे तस्कर |
प्रसंग . यह पद्यांश साहित्य गौरव इस पाठ्य पुस्तक के कायर मत बन इस कविता से लिया गया है। इस कविता की रचनाकार कवि नरेंद्र शर्मा है।
संदर्भ. हमारे हमें हमारी जिंदगी की लड़ाई जितनी है। हमें कायर नहीं बना है। लेकिन उसके साथ-साथ हमें मनुष्यता का भी ध्यान रखना है।
स्पष्टीकरण. हमारी जिंदगी में जो समस्याएं आती है उनसे डर कर हमें पीछे नहीं भागना है हमें कर नहीं बना है। बुरे लोगों से दुष्ट लोगों से डरना नहीं है उनके सामने हमें हमारा सर झुकाना नहीं है। या तो हमें उनसे लड़ना है या फिर उन्हें प्यार से जीतना है। हिंसा के बदले हिंसा करना यह गलत बात है, लेकिन उससे भी ज्यादा गलत बात है कायर बनकर रहना। इसलिए कवि कहते हैं कि तुम कुछ भी बनो लेकिन कर मत बनो।
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