Karnataka 2nd PUC Hindi Poem Chapter 2 गहने Questions and Answers Solution, Notes by Expert Teacher. Karnataka Class 12 Hindi Solution Chapter 2.
There are 3 Parts in Karnataka Class 12 Textbook. Here You will find Poem Chapter 2 Gahane.
Karnataka 2nd PUC Hindi Poem Chapter 2 – गहने Solution
- State – Karnataka.
- Class – 2nd PUC / Class 12
- Subject – Hindi.
- Topic – Solution / Notes.
- Chapter – 2
- Chapter Name – गहने.
- I) एक शब्द या वाक्यांश या वाक्य में उत्तर लिखिए :
1.) बेटी सोने के गहने क्यों नहीं चाहती ?
सोने के गने बहुत तकलीफ देते हैं इसीलिए बेटी को सोने के गहने नहीं चाहिए।
2.) बेटी रंगीन कपड़े पहनने से क्यों इनकार करती है ?
रंगीन कपड़े जब पहने जाते हैं तब मिट्टी में खेलने को नहीं मिलता इसलिए बेटी रंगीन कपड़े पहनने से इनकार करती है।
3.) माँ रंगीन कपड़े और गहने पहनने के लिए क्यों आग्रह करती है ?
मां रंगीन कपड़े और गहने पहनने के लिए बेटी को आग्रह करती है क्योंकि जब बेटी गहने पहनती है रंगीन कपड़े पहनती है तब देखने वाले को यह सब सुंदर लगता है और मां को भी अपनी बेटी सुंदर लगती है।
4.) बेटी को क्यों सुंदर दिखना है ?
अपनी मां के लिए बेटी को सुंदर दिखना है।
5.) बेटी सजने – धने से क्या महसूस करती है ?
सच में देखने का मतलब बंधन है ऐसा बेटी महसूस करती है।
6.) बेटी किन्हें गहने मानती है ?
मां की ममता को और अपने बचपन को ही बेटी गहने मानती है।
7.) माँ और बेटी एक दूसरे के लिए क्या बनते हैं ?
मां बेटी एक दूसरे के लिए एक दूसरे के गहने बनते हैं।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए:
1.) बेटी रंगीन कपड़े और गहने क्यों नहीं चाहती ?
बेटी रंगीन कपड़े और गहने नहीं पहनना चाहती क्योंकि रंजीत कपड़े और गहने पहनने से वहां खुद पर लगे हुए बंधन महसूस करती है। उसे सजी-धजी रहना पसंद नहीं है। वह अपनी मां को कहती है कि तुम्हारी ममता और मेरा बचपन यही हमारा गहना है। गहने पहनने से वह खुद को बंधन में महसूस करते हैं और जब रंगीन कपड़े पहनती है, तो उन्हें संभालना पड़ता है। वह जहां चाहे जैसे चाहे खेल नहीं सकती। बेटी कहती है कि हम ऐसे ही सुंदर दिखते हैं जैसे हमें भगवान ने बनाया है
2.) ‘गहने’ कविता के द्वारा कवि ने क्या आशय व्यक्त किया है ?
गहने इस कविता के द्वारा कभी हमसे यह कहना चाहते हैं कि हम ऐसे ही बहुत सुंदर दिखते हैं जैसे हमें भगवान ने बनाया है। हमें सुंदर दिखने के लिए गहन ने पहनने की रंगीन कपड़े पहनने की जरूरत नहीं होती। सोने चांदी के गहने बहुत महंगे होते हैं। कई मां-बाप उसे खरीद नहीं सकते। उनकी सारी जिंदगी की जमापूंजी गहने खरीदने में चली जाती है। रंगबिरंगी, महंगे कपड़े जब हम पहनते हैं तब हमें से बहुत संभालना पड़ता है, ताकि वह खराब ना हो जाए। इससे अच्छा यह है कि हम सादे कपड़े पहने और सादे तरीके से ही अपना जीवन बिताए।
III.) ससंदर्भ भाव स्पष्ट कीजिए :
1.) ताकि दिखाई दो सुंदर, बहुत ही सुंदर- यों कहती हो
सुंदर लगे किसको, कहो माँ ?
देखने वालों को लगता है सुंदर, देता है आनंद ;
मगर मुझे बनता है बड़ा बंधन !
प्रसंग. यह पद्यांश सहित्य गौरव इस पुस्तक के गहने इस कविता से लिया गया है। इस कविता के रचना कुवेपु है।
संदर्भ.इस कविता में गहने और पहनावा महत्त्वपूर्ण नहीं रहता। रिश्ते को सबसे ज्यादा महत्व देना चाहिए ऐसा कहा है।
स्पष्टीकरण. मां अपनी बेटी को गहने और रंग बिरंगी कपड़े पहनने के लिए कहती है। लेकिन बेटी अपनी मां से कहती है कि मुझे कहने और रंग भी रंग के कपड़े नहीं पहने इसमें मुझे बंधन जैसा महसूस होता है। तब मैं अपनी बेटी से कहती है कि तुम गहने और रंगबरंगी के कपड़े पहन के सुंदर लगोगी। तब बेटी अपनी मां से पूछती है कि मैं सुंदर किसको लगूंगी? देखने वाले को यह सब अच्छा लगता है, लेकिन मुझे बहुत बंधन महसूस होता है।
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