Karnataka 2nd PUC Hindi Poem Chapter 1 अधिकार Questions and Answers Solution, Notes by Expert Teacher. Karnataka Class 12 Hindi Solution Chapter 1.
There are 3 Parts in Karnataka Class 12 Textbook. Here You will find Poem Chapter 1 Adhikar.
Karnataka 2nd PUC Hindi Poem Chapter 1 – अधिकार Solution
- State – Karnataka.
- Class – 2nd PUC / Class 12
- Subject – Hindi.
- Topic – Solution / Notes.
- Chapter – 1
- Chapter Name – अधिकार.
I.) एक शब्द या वाक्यांश या वाक्य में उत्तर लिखिए:
1.) मुस्काते फूल को क्या आना चाहिए ?
मुस्काते फूल को मुरझाना भी आना चाहिए।
2.) मेघ में किस चीज़ की चाह होनी चाहिए ?
मेघ मे घुल जाने की चाह होनी चाहिए।
3.) आँखों की सुंदरता किससे बढ़ती है ?
आंसू (मोती) इनसे आँखों की सुंदरता बढ़ती है।
4.) प्राणों की सार्थकता किसमें है?
जिसमे पीड़ा होती है उनमें ही प्राणों की सार्थकता होती है।
5.) कवयित्री को किसकी चाह नहीं है ?
अमरों के लोक की चाह कवित्री को नहीं है।
6.) कवयित्री किस अधिकार की बात कर रही हैं ?
मिटने के अधिकार की बात कवियित्री कर रही है।
7.) परमात्मा की करुणा से कवयित्री को क्या मिला ?
परमात्मा की करुणा से कवित्री को मिटाने का अधिकार मिला है।
॥.) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए:
1.) फूल एवं तारों के विषय में कवयित्री महादेवी वर्मा क्या कहती हैं?
फूल और तारों के विषय में कवित्री महादेव वर्मा कहती है कि फूल खिलते हैं और सबके चेहरे पर मुस्कुराहट लाते हैं लेकिन उन्हें एक दिन मुरझा नहीं पड़ता है। जो फूल मुरझा नहीं सकते वह हम मुस्कुरा भी नहीं सकते मतलब वह खेल नहीं सकते। रात में तारे टिमटिमाते हैं और अपना प्रकाश सारी जगत में फ्लेट हैं जैसे ही रात चली जाती है दिन का उजाला हो जाता है वैसे ही तारों को छुप जाना पड़ता है। जो तारे बुझ नहीं सकते वह तारे दीपक नहीं बन सकते। इसी तरह उस मनुष्य को सुख की कामना नहीं करनी चाहिए जिसे दुख नहीं सहना आता।
2.) बादल एवं वसन्त ऋतु से हमें क्या प्रेरणा मिलती है ?
बादल और वसंत ऋतु से हमें यह प्रेरणा लेनी चाहिए कि हमें स्वर्ग में रहने वाले नीलम इन बादलों की तरह नहीं बना है लेकिन हमें उन बादलों की तरह बना है जो इस तपती हुई धरती को शांत करते हैं। जो दूसरों की पीड़ा काम करते हैं। वसंत ऋतु में जो बादल आते हैं वह बदल हमेशा कुछ नया लेकर आते हैं इसी तरह हमें भी अपने जीवन में नए-नए प्रयोग करने चाहिए।
3.) जीवन की सार्थकता किसमें है?
4.) कवयित्री अमरों के लोक को क्यों ठुकरा देती हैं?
कवि तरीका कहना है कि जब तक हम दुख नहीं भोगते, पीड़ा नहीं सहन करते तब तक हमें आनंद के, सुख के महत्व का पता नहीं चलेगा। जब तक हम अंधकार में नहीं जाते तब तक हमें प्रकाश के महत्व का पता नही चलेगा। हमें हमेशा ही वेदना का स्वागत करना चाहिए। तभी सुखी जीवन की कीमत हमें समझ में आएगी। इसीलिए कवित्री अमरों के लोग को ठुकरा देती है और अपने मिटाने के अधिकार को अपने पास बचाए रखती है।
5.)” अधिकार कविता में प्रयुक्त प्राकृतिक तत्वों के बारे में लिखिए।
अधिकार कविता में कब इतनी प्राकृतिक बातों के द्वारा हमें अलग-अलग संदेश देती है। फूल, तारे, वसंत ऋतु इसके माध्यम से कवियित्री हमें दुख किस तरह से सहन करना चाहिए यह बताती है। जब तक हमारे जीवन में तकलीफें नहीं आती तब तक हमें सुख के महत्व का पता नहीं चलता। मानव जीवन में सुख और दुख दोनों ही आने चाहिए के माध्यम से मनुष्य साहसी बनता है।
III.) ससंदर्भ भाव स्पष्ट कीजिए:
1.) ऐसा तेरा लोक, वेदना,
नहीं, नहीं जिसमें अवसाद,
जलना जाना नहीं, नहीं-
जिसने जाना मिटने का स्वाद !
प्रसंग. यह पद्यांश साहित्य गौरव इस पुस्तक से अधिकार नामक कविता से लिया गया है। इस कविता के रचना महादेवी वर्मा ने की है।
संदर्भ. कवियित्री कहती है कि मुझे अपना जीवन वेदनामई चाहिए। मुझे ऐसा जीवन नहीं चाहिए जिसमें ना दुख है न वेदना है।
स्पष्टीकरण. कवित्री महादेवी वर्मा कहती है कि जिस लोक में वेदना नहीं दुख नहीं तकलीफ पर नहीं उसे लोक में रहकर हम क्या करेंगे? ऐसा जीना भी क्या जीना है? जब हम वेदना सहते हैं पीड़ा सहते हैं तभी हम साहसी बनते हैं। ऐसा जीवन हमें जीना चाहिए। जो वेदना, तकलीफें सहन करता है वही सुख की कीमत जानता है और वह मुस्कुराना भी जानता है।
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