नारी शक्ति का अपमान निबंध | Nari Shakti Apaman in Hindi | Hindi Essay | Nari Shakti Apaman Essay in hindi.
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दहेज प्राचीन काल से चलती आ रही कुप्रथा है। दहेज के रlक्षस संपूर्ण भारत में अपने पैर पसार लिए हैं। भारतीय प्राचीन ग्रंथों में विदेश का उल्लेख मिलता है। दहेज प्रथा के कारण आज लोग अपनी बेटी को जन्म होते मार देते हैं। यह बिटिया है यह पता चलता है पेट में भ्रूण हत्या कर दी जाती है। अपने के कन्या के लग्न में खुशी से उपहार देना यह अलग बात है। लड़के वालों की मांग को मान कर उन्हें गाड़ियां हजारों रुपए और गहने देना यह दहेज है। दहेज मांगने वाला गुनहगार होता है उससे अधिक दहेज देने वाला गुनहगार और होता है। परंतु अपने कन्या को अच्छा लड़का घर परिवार मिल जाए यह सोचकर माता-पिता दहेज दे देते हैं। कहि बार दहेज कि माग शादी के बाद सालों साल चलती रहती है। दहेज के लिए लड़कियों को पीडी किया जाता है। कभी-कभी यह पीड़ा इतना आसाहनीय होती है कि लड़कियां खुद खुशी कर लेती है। दहेज के लिए लड़कियों पर अत्याचार किए जाते हैं मारपीट की जाती है। वर परिवार कई बार में दहेज के लिए मानवता की हद पार कर देते हैं।
कन्या के माता-पिता जो शादी में गहने या अन्य उपहार देते थे। स्त्रीधन होता था। परंतु आजकल पुरुषों का फ्री में मिलने वाला धन हो गया है। समाज में इतनी मूर्खता बड़ गई है कि आज पढ़े लिखे इंसान देश की मांग करते हैं। दहेज की इतनी है कि घर में चाहे साइकिल ना हो परंतु कार लिए बिना वह शादी का तोरण छूते नहीं । रूढ़िवादी समाज की सोच लोगों के दिमाग में घर कर गई है। स्वार्थ के कारण के आज हर इंसान को केवल अपना फायदा दिखाई देता है। दहेज के कारण बेटियों का बाप होना तो जैसे आजकल पाप । बेटी के बाप होने की सजा अपने जीवन भर की कमाई उससे शादी में देकर चुकानी पड़ती है। यहि कारण है कि हर कोई चाहता है कि उन्हें बेटा होना की बेटी। इसी कारण से स्त्री भ्रूण हत्या की संख्या पड़ रही है। सरकार ने उपाय योजना कि परंतु लोग छुप-छुपकर स्त्री भ्रूण हत्या करते हैं। गैरकानूनी तरीका अपनाकर करना गर्भपात करते हैं। दहेज लल्लच के कlरण आज तक कितने ही परिवार बर्बाद हुए। दहेज एक समाज को बर्बाद करने वाली कुप्रथा है।
दहेज जैसी प्रथl को समाप्त करने के लिए कठोर कदम उठाना जरूरी है। इसलिए सरकार ने देश को रोकने के लिए कई कानून बनाए हैं। आजकल ज्यादातर शिक्षक लोग भी देख लेना पसंद नहीं करते। दहेज की जॉब करते हैं। दहेज के विरुद्ध जागरूकता के कारण आज अगर कोई दहेज मांगता है तो लोग उसके खिलाफ शिकायत करते हैं। समाज में दहेज लेना तथा देना अब कम हो गया है। कुछ ग्रामीण भlगो को छोड़कर भारत के सभी हिस्सों में दहेज प्रथा पर प्रतिबंध पूरी तरह लगा हुआ है। शिक्षण , जागरूकता तथा सरकार की योजनाओं के कारण दहेज प्रथा समाप्त हो रही है। हमें नहीं दहेज मांग करनी चाहिए नहीं देहेज लेना चाहिए। दहेज को समाज से खत्म करने के लिए नव युवा पीढ़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। आजकल हर क्षेत्र में लड़कियां लड़कों की कदम से कदम मिलाकर चल रही है।
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