Chhattisgarh State Board Class 9 Hindi Chapter 16 बूढ़ी पृथ्वी का दुख Exercise Multiple Choice, Fill in the Blanks, Questions and Answers here.
Chhattisgarh State Class 9 Hindi Chapter 16 बूढ़ी पृथ्वी का दुख Solution
1.) पेड़ों के चित्कारने से आप क्या समझते हैं?
पेड़ मनुष्य के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण काम करते हैं आज शहर नगर देश का विकास करते-करते पेड़ सृष्टि का विनाश करते जा रहे हैं जंगल के जंगल काटने जा रहे हैं पेड़ों से हमें ऑक्सीजन फूल फूल अवश्य दें मिलती है दृष्टि का समतोल रखने के लिए पेड़ों का बहुत महत्व है लेकिन आज हम विकास के नाम पर पेड़ों को काटे जा रहे हैं
2.) नदी मुँह ढांपकर क्यों रो रही है?
आज हम औद्योगिकरण को बढ़ावा दे रहे हैं। नए-नए कारखाने, उद्योग निर्माण कर रहे हैं। लेकिन कारखानों से जो दूषित पानी बाहर आता है वह हम नदियों में बहा देते हैं। नदियों का पानी हम खेती के लिए, पीने के लिए, पूजा के लिए इस्तेमाल करते हैं। लेकिन उसी पानी में हम कारखानों का दूषित पानी छोड़ते हैं, अपने पशुओं को नहलाते हैं, कपड़े धोते हैं इससे पानी में गंदगी फैलती है। मानव पानी दूषित कर रहा है इस कारण नदी मुंह ढांपकर रो रही है।
3.) गुमसुम बूढ़ी पृथ्वी कभी किसी से शिकायत नहीं करती। ऐसा क्यों कहा गया है?
पृथ्वी प्रकृति के माध्यम से मानव को बहुत सारी चीजें देती है। लेकिन मानव प्रकृति की हानि करता रहता है। प्रकृति में पहाड़, नदियां, पेड़-पौधे जैसे चिजे आती है। इनका मानव विनाश कर रहा है। लेकिन पृथ्वी यह विनाश चुपचाप देख रही है। वह मानव के सभी अत्याचार सहन कर रही है। वह मुक की तरह बैठी है। कुछ बोल नहीं रही।
4.) खुल की उल्टियां करते देखा है कभी हवा को-
क) इस पंक्ति में की समस्या की ओर संकेत किया गया है?
पेड़ पौधों से मानव को ऑक्सीजन मिलता है। जो मानव के जीवित रहने के लिए आवश्यक है। लेकिन आज हवा में नाइट्रोजन, इथेनॉल, कार्बन डाइऑक्साइड ऐसे दूषित वायु का प्रमाण अत्याधिक है। यह वायु मानव के लिए हानिकारक है। इनकी वजह से मानव को टीबी जैसी फेफड़ों की बीमारियां हो सकती है।
ख)इस समस्या को कम करने के लिए क्या क्या उपाय हे जा सकते हैं?
1.) कारखानों में जो चिमनीयाँ होती है उनकी ऊंचाई बढ़ानी चाहिए।
2.) सार्वजनिक वाहनों का उपयोग ज्यादातर करना चाहिए।
3.|) वायु प्रदूषण हो ऐसे पटाखे नहीं बजाने चाहिए।
4.) पेड़ पौधे लगाने चाहिए।
5.) कविता की अंत में कवियित्री ने आदमी के आदमी होने पर क्यों संदेह किया है?
पृथ्वी पर सबसे ज्यादा बुद्धिमान प्राणी मानव है। लेकिन आज का मानव अपनी बुद्धि का उपयोग गलत तरीके से कर रहा है। इसकी वजह से मानव को ही बहुत तकलीफ पहुंच रही है। आदमी की बुद्धि उसके विनाश का कारण बन सकता है ऐसा डर कवायित्री को लग रहा है। इस वजह से कवायित्री ने आदमी के आदमी होने पर संदेह किया है।
6.) पृथ्वी को बूढ़ी कहने का क्या तात्पर्य है?
बूढ़ा व्यक्ति जो होता है वह सब कुछ देख तो सकता है। लेकिन अगर उसके सामने कुछ गलत हो रहा हो तो उसे रोकने के लिए वह कुछ नहीं कर सकता। इसी तरीके से पृथ्वी आज विनाश की ओर बढ़ रही है। पृथ्वी पर प्रदूषण बढ़ रहा है, पेड़ पौधों की मात्रा कम हो गई है। इस वजह से बीमारियां बढ़ रही है और पृथ्वी यह सब सिर्फ देख रही है। जैसे बूढ़ा व्यक्ति सिर्फ देख सकता है कुछ कर नहीं सकता उसी तरीके से पृथ्वी भी सिर्फ देख रही है। इसीलिए पृथ्वी को बुढी कहा गया है।
पाठ से आगे
1.) कविता के माध्यम से प्रकृति को नुकसान पहुंचाने वाली किन किन समस्याओं को उभारा गया है ? अपने शब्दों में लिखिए।
प्रकृति को नुकसान पहुंचाने वाले जल प्रदूषण और वायु प्रदूषण इन दो समस्याओं को कविता के माध्यम से उभारा गया है।
जला प्रदूषण- नदियों में तालाब में मानव अपने पशुओं को नहलाता है, वहां पर कपड़े धोए जाते हैं, कारखानों में जो दूषित पानी तैयार होता है वह इस स्वच्छ पानी में छोड़ा जाता है। गंदा पानी या विषैला पानी नदी तालाबों में छोड़ने से पानी का प्रदूषण होता है। यह पानी हम पीते हैं इसकी वजह से व्यक्ति बीमार पड़ता है।
वायु प्रदूषण- कारखानों में जो विषैली गैस तैयार होती है वह हो वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण है। इसके अलावा वातावरण में जो कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन जैसी वायु घुलमिल जाती है। मानव ने शहरीकरण के नाम पर पेड़ पौधों को भी काटा है। इसकी वजह से वायु प्रदूषण बढ़ता है और मनुष्य को फेफड़ों की बीमारी होती है।
2.) वर्तमान में पहाड़ों को लगातार तोड़ा जा रहा है या फिर दोहन किया जा रहा है-
क) आपके अनुसार इसके क्या कारण है? लिखिए।
वर्तमान वे पहाड़ों को लगातार तोड़ा जा रहा है क्योंकि वहां से दो गांव जोड़ने के लिए या दुर्गम भागों में जाने के लिए रास्ता बनाना है इसीलिए वहां पर पहाड़ों को तोड़ा जा रहा है
ख) इससे पर्यावरण में किस प्रकार का असंतुलन बढ़ रहा है? चर्चा कीजिए।
पहाड़ जब तोड़े जाते हैं, वहां से जब रास्ता बनाया जाता है, तब प्रकृति में जो पेड़ पौधे होते हैं उनको भी तोड़ना पड़ता है। पत्थरों को भी काटना पड़ता है और वहां से रास्ता बनता है। जब पहाड़ तोड़े जाते हैं तब वहां पर ज्वालामुखी का विस्फोट होने का भय या फिर भूकंप होने का डर लगा रहता है।
3.) यदि सचमुच में पेड़, नदी और हवा बोल पाते तो वे अपनी पीड़ा किस प्रकार व्यक्त करते? अपने शब्दों में लिखिए।
यदि सचमुच में पेड़, नदी, हवा बोल पाती तो वे अपनी पीड़ा सबको बता सकते थे। उनपर हो रहे अन्याय का वो भी विरोध कर सकते थे। हवा सभी से कह सकते थी मैं तुम सबको जीने के लिए ऑक्सीजन देती हूं और आप मुझे ही प्रदूषित कर रहे हैं। यह तो मुझ पर आप लोग अन्याय कर रहे हैं।
नदी हम सबसे कहती कि, मैं तुम्हें पीने के लिए पानी देते हूं। तुम्हारे प्यास बुझाती हूं, तुम्हारे खेतों के लिए पानी तुम तो यहां से ही ले जाते हो। फिर भी तुम मुझे गंदा करते हो विषैला, मैला पानी मुझेमें छोड़ देते हो। आप ऐसा क्यों करते हो?
पेड़ हम सब लोगों से कहते कि मै तुम लोगोंको प्राण वायु देता हुँ, फुल, फल देता हुँ। तुम मुझे काँट देते हो अगर तुम ऐसा करोगे तो यह तो मुझपर अजय करनी जैसा होगा न।
4.) आपके आसपास किन-किन प्राकृतिक संसाधनो का दुरुपयोग हो रहा है। इन्हें रोकने में हमारी क्या भूमिका हो सकती है? लिखिए।
हमारे आसपास पेड़ पौधोंकी कटाई होती है, यह कटाई हमें रोकनी चाहिए। पेड़ पौधें हमारे जिवन में महत्त्वपूर्ण भूमिका नआभाते हैl ऐसेही हम नैसर्गिक संसाधनो का भी गलत तरिके से उपयोग करते है। अगर हम ऐसेही करते रहेंगे तो यह साधने बहुत जल्दी खत्म हो जाएगी क्योंकि यह साधने मर्यादित है तो हम इनका उपयोग सोच समझकर ही करना चाहिए अगर हम इनका दुरुपयोग करेंगे तो हमारे आने वाली पीढ़ी इनका उपयोग नहीं कर सकेंगे।
5.) हमारी संस्कृति व परंपराओं में ऐसे कई उदाहरण मिलते हैं, जिनमें पेड़ों को बचाने का प्रयास नजर आता है, जैसे पेड़ों को राखी बांधना, गोद लेना और किसी ने किसी व्रत या पर्व में उनकी पूजा करना आदि
क्या आपके परिवेश में पेड़ों से जुड़े व्रत या पर्व है? इनके बारे में जानकारी इकट्ठा कर निम्नलिखित सारणी में लिखिए।
पेड़ों का नाम | इनसे जुड़े व्रत पर्व | जुड़ी मान्यताएं | फलदार है या नहीं | पत्तियों के बारे में |
उदाहरण पीपल | पित्रृ अमावस्या | पूजा करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है | फलदार है परंतु खाने के लिए उपयोगी नहीं | गहरे रंग की दिल के आकार की चिकनी ए व जालीदार |
वटवृक्ष | वटपौर्णिमा | पतियों का साथ हर जन्म में मिलता है | फलदार है परंतु औषधी है | गहरे रंग की |
भाषा के बारे में
1.) कविता में पेड़ों नदियों आदि को मानव के सामान व्यवहार करते बताया गया है, जैसे पेड़ चित्कार रहे हैं, नदी रो रही है आदि इस प्रकार के प्रयोग को मानवीकरण अलंकार कहा जाता है।
मानवीकरण अलंकार का प्रयोग जिन जिन पंक्तियों में हुआ है उन्हें छांटकर लिखिए।
1.) सपनों में चमकती कुल्हाड़ीयों के भय से पेड़ों की चित्कार
2.) बचाव के लिए पुकारते हजारों हजार हाथ
3.) रात के सन्नाटे में अंधेरे से मुंह ढांप किस कदर रोती है नदिया
4.) कभी महसूसा है कि किस कदर दहलाता है मौन समाधि लिए बैठे पहाड़ का सीना
5.) हथौड़ी की चोट से टूट कर बिखरते पत्थरों की चीख
6.) खून की उल्टियां करते देखा है कभी हवा को
- कविता में ऐसे शब्दों का प्रयोग हुआ है जिनमें स्थानीय बोला चाल की भाषा का प्रभाव झलकता है। जैसे- महसूसा अर्थात महसूस किया, बतियाया अर्थात बात की। इसी प्रकार के अन्य शब्दों को स्वयं से ढूंढकर लिखिए।
हजारों हाथ
मुंह ढांप
मवेशी धोते
पिछवाडे
दुपहरियाँ
3.) नीचे दिए गए शब्दों के अलग-अलग अर्थ स्पष्ट करने के लिए उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए।
सीना, जीना, उत्तर, अंक, चरण
सीना- 1) छाती- पहले अपनी छाती पर वार झेलते हैं।
2) सिलाई- मैं अपने कपड़े सीने के लिए पड़ोस के शिंपी के पास देती हूं ।
जीना – 1)जिंदगी जीना- बच्चे अपनी जिंदगी खुशी से जीते हैं ।
2) सीढ़ी- हम तीन जीने में चढ़कर अपने क्लास में जाते हैं।
उत्तर – 1)जवाब- विद्यार्थी शिक्षकों के प्रश्नों के उत्तर देते हैं।
2) दिशा- हम उत्तर दिशा की ओर रहते हैं
अंक – 1पनंबर मुझे अंकगणित यह विषय पसंद नहीं है।
2) भाग-मुझे नाटक का दूसरा अंक पसंद नहीं आया।
चरण- 1)पाँव -मैं अपने गुरुजनों चरण छुती हूं।
2) पद- मैंने कविता का दूसरा चरण पूर्ण किया।
4.) क) हां – ना उत्तर वाले पाच प्रश्नवाचक वाक्य सोच कर लिखिए।
- क्या तुमने खाना खाया?
2.) क्या तूने पढ़ाई की?
3.) क्या तुम बाजार जाकर आ गए?
4.) क्या तुम कल रात सोए थे?
5.) क्या तुमने व्यायाम किया?
ख)निम्नलिखित वाक्यों से रचनात्मक प्रश्नवाचक वाक्य बनाइए।
वाक्य हथौड़े की चोट से भरी दुपहरिया में भी पत्थर चीख उठे।
1.) भरी दुपहरिया में कौन चीख उठा?
2.) पत्थर क्यों चीख उठा?
3.) पत्थर कब चीख उठे?
4.) हथौड़े की चोट किसे लगी?
5.) हथौड़े की चोट पत्थर को कब लगी?
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- Chapter 2 गुल्ली डंडा
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- Chapter 4 छत्तीसगढ़ी लोकगीत
- Chapter 5 गद्दार कौन
- Chapter 6 कलातीर्थ खैरागढ का संगीत विश्वविद्यालय
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- Chapter 18 प्लास्टिक कल का खतरा, आज ही जागें
- Chapter 19 विकसित भारत का सपना
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